Yamaha RX 100: अरे मेरे ‘रफ़्तार’ के दीवानों और ‘पुरानी यादों’ के शौकीनों! सुनो, यामाहा आरएक्स 100 (Yamaha RX 100) सिर्फ एक बाइक नहीं, ये तो एक ‘इमोशन’ है, एक ‘दौर’ है! वो ‘दमदार’ आवाज़, वो ‘हल्का’ वज़न और वो ‘रॉकेट’ जैसी पिकअप – आज भी इसके चाहने वाले दीवाने हैं! भले ही इसका प्रोडक्शन बंद हो गया है, लेकिन इसकी ‘लीजेंड’ आज भी बरकरार है। तो चलो, इस ‘कभी न भूलने वाली’ सवारी के बारे में थोड़ा देसी अंदाज़ में जानते हैं!
क्यों है ये Yamaha RX 100 की बाइक इतनी ‘खास’?
देखो भाई, आरएक्स 100 में कुछ ऐसी ‘बात’ थी जो इसे उस दौर की दूसरी बाइकों से अलग बनाती थी:
- ‘जानदार’ इंजन: इसमें 98cc का टू-स्ट्रोक (two-stroke) इंजन था, जो अपनी पावर और पिकअप के लिए मशहूर था। हल्के वज़न के कारण ये बाइक सच में ‘उड़ती’ थी!
- ‘धांसू’ आवाज़: इसकी एग्जॉस्ट (exhaust) की आवाज़ ऐसी थी कि दूर से ही पता चल जाता था कि आरएक्स 100 आ रही है। वो ‘कर्कश’ आवाज़ आज भी लोगों के कानों में गूंजती है।
- ‘सिंपल’ डिज़ाइन: इसका डिज़ाइन बहुत ही सीधा-साधा लेकिन ‘स्टाइलिश’ था। ये उन युवाओं को बहुत पसंद आती थी जो ‘रफ़्तार’ और ‘स्वैग’ के दीवाने थे।
- ‘टिकाऊ’ मशीन: भले ही ये तेज़ थी, लेकिन ये ‘टिकाऊ’ भी थी। सही से रखने पर ये सालों साल चलती थी।
- ‘यादगार’ कनेक्शन: इस बाइक से लोगों का एक अलग ही ‘कनेक्शन’ था। ये सिर्फ एक गाड़ी नहीं, बल्कि बहुतों के जवानी के दिनों की साथी थी।
कब आई और क्यों हुई ‘विदा’?
यामाहा आरएक्स 100 ने 1985 में इंडिया में एंट्री मारी और आते ही छा गई! ये खासकर युवाओं के बीच ‘स्टेटस सिंबल’ बन गई थी। लेकिन, बदलते हुए एमिशन (emission) नियमों के कारण, यामाहा ने इसका प्रोडक्शन 1996 में बंद कर दिया। भले ही ये चली गई, लेकिन इसकी ‘यादें’ आज भी लोगों के दिलों में ताज़ा हैं।
क्या फिर से आएगी ये ‘रॉकेट’?
देखो भाई, आरएक्स 100 के चाहने वाले तो आज भी इसे वापस देखना चाहते हैं! यामाहा ने भी इस बारे में कई बार ‘संकेत’ दिए हैं। अगर ये फिर से आती है, तो शायद नए इंजन और नए फीचर्स के साथ आएगी, लेकिन उम्मीद है कि वो पुरानी ‘फीलिंग’ ज़रूर बरकरार रखेंगे!
यामाहा आरएक्स 100 एक ‘लीजेंड’ थी और हमेशा रहेगी। इसकी ‘रफ़्तार’, इसकी ‘आवाज़’ और इसका ‘स्वैग’ आज भी इसे खास बनाता है। अगर तुमने इसे चलाया है, तो तुम समझोगे कि इसके बारे में इतनी बातें क्यों होती हैं! ये सिर्फ एक बाइक नहीं, ये एक ‘कहानी’ है!