Volvo S90 भारत में हुई बंद, केवल तीन साल में थमा सफर, जानें क्या था कारण

Volvo S90: लक्जरी कार निर्माता वोल्वो (Volvo) ने भारत में अपनी प्रीमियम सेडान वोल्वो S90 की बिक्री आधिकारिक तौर पर बंद कर दी है. यह मॉडल अक्टूबर 2021 में भारत में लॉन्च किया गया था और अब कंपनी ने इसे अपनी आधिकारिक वेबसाइट से भी हटा दिया है. यह फैसला ऐसे समय में आया है जब कंपनी ने हाल ही में अप्रैल 2025 में वैश्विक स्तर पर इसका फेसलिफ्ट वर्जन पेश किया था.
Volvo S90 भारत में कैसा रहा सफर
वोल्वो S90 को भारत में सिर्फ एक इंजन विकल्प के साथ बेचा गया था. इसमें दिया गया था:
- 2.0-लीटर, चार-सिलेंडर माइल्ड-हाइब्रिड पेट्रोल इंजन
- अधिकतम पावर: 250 हॉर्सपावर
- केवल एक ट्रिम: B5 फुली लोडेड वेरिएंट
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यह कार अपनी आरामदायक सवारी, शानदार इंटीरियर और वोल्वो की सिग्नेचर सुरक्षा सुविधाओं के लिए जानी जाती थी.
Volvo S90 बंद करने के पीछे के कारण
वोल्वो S90 को बंद करने के पीछे कई कारण बताए जा रहे हैं:
- कम मांग: लक्जरी सेडान सेगमेंट में एसयूवी की बढ़ती लोकप्रियता के कारण, S90 को उतनी बिक्री नहीं मिली जितनी कंपनी को उम्मीद थी. भारतीय ग्राहकों का रुझान तेजी से एसयूवी की ओर बढ़ रहा है, जिससे सेडान की बिक्री प्रभावित हुई है.
- लाइनअप को ताज़ा करना: वोल्वो अब भारत में अपने इलेक्ट्रिक और एसयूवी सेगमेंट पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रही है, जैसे XC40 रिचार्ज, C40 रिचार्ज आदि. यह कंपनी की वैश्विक रणनीति का भी हिस्सा है, जिसमें इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को प्राथमिकता दी जा रही है.
- सीमित विकल्प: केवल एक इंजन और एक ट्रिम विकल्प होने के कारण, ग्राहकों के पास विविधता का विकल्प नहीं था. बाजार में प्रतिस्पर्धियों के पास अधिक विकल्प उपलब्ध थे.
- कड़ी प्रतिस्पर्धा: इस सेगमेंट में BMW 5 सीरीज, मर्सिडीज-बेंज ई-क्लास और ऑडी A6 जैसी गाड़ियों से कड़ी प्रतिस्पर्धा थी, जो S90 के लिए एक चुनौती साबित हुई.
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आगे क्या?
भले ही भारत में S90 का सफर समाप्त हो गया है, लेकिन वोल्वो का ध्यान अब इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और एसयूवी रेंज पर है. कंपनी आने वाले महीनों में नए इलेक्ट्रिक वाहन और फेसलिफ्टेड मॉडल लॉन्च कर सकती है. वोल्वो भारतीय बाजार के लिए अपनी रणनीति में बदलाव कर रही है, ताकि बढ़ती इलेक्ट्रिक वाहन बाजार और एसयूवी की मांग को पूरा किया जा सके.
अस्वीकरण: यह जानकारी 21 जून 2025 को उपलब्ध आंकड़ों और कंपनी की घोषणाओं पर आधारित है. भविष्य में कंपनी की योजनाओं में बदलाव संभव है.