फिर विवादों में घिरे BJP विधायक, मुस्लिम समुदाय पर लगाया वोट न देने का आरोप

मध्यप्रदेश में BJP नेताओं का विवादों से रिश्ता खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। आए दिन कोई न कोई नेता या जनप्रतिनिधि अपने बयानों के कारण सुर्खियों में आ जाता है। इस बार रीवा के मनगवां विधायक नरेंद्र प्रजापति का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने मुस्लिम समुदाय पर BJP को वोट न देने का आरोप लगाया है। यह पहली बार नहीं है जब वे अपने बयानों के चलते चर्चा में आए हैं।
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो
सोशल मीडिया पर वायरल इस वीडियो में एक मुस्लिम शख्स विधायक नरेंद्र प्रजापति से कहता है कि हमने सब करने के बावजूद हमें दोषी माना जा रहा है। हमने अपना ईमान-धर्म बेचकर मदद की, फिर भी आप हमें दोषी मान रहे हैं। इस पर विधायक ने जवाब देते हुए कहा कि गणेश सिंह सतना का चुनाव सिर्फ नजीराबाद की वजह से हारे हैं, जहां सिर्फ मुस्लिम रहते हैं।
मुस्लिम वोट को लेकर दिया बयान
विधायक ने अपने बयान में कहा कि अगर कोई मुसलमान वोट देता है तो भाजपा को राजेंद्र शुक्ला वोट पाते हैं। उन्होंने नजीराबाद के मुस्लिम वोट बैंक को गणेश सिंह की हार का कारण बताया। शख्स ने बीच में कहा कि “हां, हारे होंगे।” जिस पर विधायक ने आगे कहा कि यह हार केवल वहां के मुस्लिम बहुल इलाकों की वजह से हुई है।
पहले भी विवादों में रह चुके हैं
नरेंद्र प्रजापति का यह बयान चर्चा का विषय बन गया है। इससे पहले भी वह कई बार अपने विवादास्पद बयानों को लेकर सुर्खियों में रहे हैं। भाजपा के भीतर भी उनके इस तरह के बयानों को लेकर असहजता देखी जाती रही है। हालांकि, उन्होंने अपने बयान में साफ कहा कि वह मुस्लिम वोटों के पैटर्न को लेकर अपनी राय रख रहे हैं।
मुस्लिम समाज के वोट पैटर्न पर टिप्पणी
विधायक ने यह भी कहा कि देवतालाब के मुस्लिम वोट नहीं, बल्कि मनगवां के मुस्लिम वोट पाते हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि दिव्यराज सिंह को मुस्लिम समाज राजा मानकर वोट देता है। इस बयान ने राजनीतिक हलकों में नई बहस छेड़ दी है।
वोट देने के बाद भी सवाल
वीडियो में आगे शख्स विधायक से पूछता है कि जब आपके जैसे विधायक वोट देने के बाद यह कहेंगे कि वोट नहीं दिया, तो हम मजबूरी में क्या करेंगे। इस पर विधायक ने कहा कि चुनाव जीतने के तीन साल बाद यह बताया जा रहा है कि उन्होंने वोट दिया है।
विपक्ष का हमला
विपक्ष ने इस बयान को लेकर BJP पर सीधा हमला बोला है। कांग्रेस नेताओं ने इसे भाजपा की विभाजनकारी राजनीति का उदाहरण बताया है और चुनाव आयोग से शिकायत करने की बात कही है। वहीं, भाजपा के कुछ नेताओं ने इसे विधायक का निजी बयान बताते हुए दूरी बना ली है।
बयान से बढ़ा विवाद
यह बयान प्रदेश की राजनीति में नया विवाद खड़ा कर रहा है। चुनावी माहौल के बीच इस तरह के बयान को लेकर माहौल गर्म हो गया है और सोशल मीडिया पर भी इस पर तीखी बहस हो रही है।