मूसलाधार बारिश से छतरपुर का जनजीवन अस्त-व्यस्त, बांध के गेट खुले

MP News: छतरपुर में मूसलाधार बारिश के कारण रनगुवां बांध पूरी तरह भर चुका है। सभी 15 गेट खोलने के बावजूद पानी का स्तर कम नहीं हो रहा, जिससे निचली बस्तियों में खतरा बढ़ गया है। कलेक्टर ने लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है और जिला कंट्रोल रूम नंबर 07685-245376 जारी किया है। बारिश का कहर जारी रहने से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।
लगातार बारिश से छतरपुर में बिगड़े हालात
छतरपुर जिले में बारिश थमने का नाम नहीं ले रही है। नदी-नाले उफान पर आ गए हैं और कई जगहों पर जलभराव ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। रनगुवां बांध में पानी की आवक इतनी तेज हो गई कि सभी 15 गेट खोलने पड़े, बावजूद इसके पानी ओवरफ्लो होकर बह रहा है। बांध के अंतर्गत आने वाले गांवों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। कलेक्टर पार्थ जायसवाल ने लोगों को सचेत करते हुए कहा है कि जब तक जलस्तर सामान्य नहीं होता, सभी लोग सुरक्षित स्थानों पर रहें। वहीं, आपदा के समय मदद के लिए जिला कंट्रोल रूम को भी सक्रिय किया गया है ताकि जरूरतमंदों को तुरंत राहत पहुंचाई जा सके।
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पुल, सड़क और बिजली ढहने से टूटा संपर्क
रविवार सुबह छतरपुर-टीकमगढ़ मार्ग पर पचेर घाट में एक मालवाहक पिकअप पानी में बह गई, जिसमें ड्राइवर की मौके पर मौत हो गई, जबकि दो युवक पेड़ पर चढ़कर किसी तरह बच गए। इस जगह पर पहले से पुलिया बह चुकी थी, लेकिन न कोई बैरिकेडिंग थी और न ही चेतावनी। इसके अलावा, देवगांव-देवरा मार्ग पर बन्ने नदी के तेज बहाव में सड़कें बह गईं, जिससे आवागमन बंद हो गया।
बिजावर-मातगुंवा मार्ग का रगोली पुल भी तेज बहाव में टूटने से बिजावर से कानपुर और सागर का संपर्क पूरी तरह कट गया। छतरपुर-सटई रोड पर रौरा गांव के पास पुल की सड़क बहने से भी आवाजाही रुक गई। वहीं, देवरा क्षेत्र में छह बिजली के खंभे बहने से कई गांव अंधेरे में डूब गए हैं। लगातार हो रही बारिश और बाढ़ की स्थिति ने जिले के आपदा प्रबंधन पर सवाल खड़े कर दिए हैं, क्योंकि कहीं भी पर्याप्त सुरक्षा या चेतावनी के इंतजाम नहीं थे, जिससे हादसों की आशंका और बढ़ गई है।