दुनिया में सबसे अनोखा है रामलला का स्वरुप, राम जी की मूर्ति में छिपे है कई अद्भुत रहस्य जाने
अयोध्या में विराजमान रामलला का स्वरूप अद्भुत और आकर्षक है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस मूर्ति से जुड़े कुछ अनोखे रहस्य भी हैं? आइए, जानते हैं रामलला की मूर्ति से जुड़े कुछ रोचक तथ्य-
श्यामल शीला और दिव्य चिन्ह
रामलला की मूर्ति को “श्यामल शीला” नामक पत्थर से तराशा गया है। इस पत्थर का रंग हल्का काला होता है, जो रामलला को एक दिव्य और भव्य रूप प्रदान करता है. उनके मस्तक पर सूर्य, स्वस्तिक, ॐ, गदा और चक्र जैसे दिव्य चिन्ह भी उकेरे गए हैं।
एक ही पत्थर से निर्मित मूर्ति
रामलला की यह खूबसूरत मूर्ति किसी एक शिला को काटकर बनाई गई है। इसमें कई पत्थरों को जोड़कर निर्माण नहीं किया गया है। यह अपने आप में ही एक कलात्मक चमत्कार है।
जलरोधी मूर्ति
रामलला की मूर्ति जलरोधी है। इसका मतलब है कि मूर्ति को जल अभिषेक करने से या पानी के संपर्क में आने से कोई नुकसान नहीं पहुंचता है। ये विशेषता इस मूर्ति को और भी अद्भुत बनाती है।
रोली और चंदन का प्रभाव नहीं
सामान्य रूप से, मूर्तियों पर चंदन और रोली लगाने से उनकी चमक कम हो सकती है। लेकिन रामलला की मूर्ति के साथ ऐसा नहीं होता। इन चीजों को लगाने से भी उनकी दिव्यता और चमक बरकरार रहती है।
विष्णु के दशावतारों के दर्शन
रामलला की मूर्ति में सिर्फ भगवान श्री राम का ही स्वरूप नहीं है, बल्कि विष्णु जी के दस अवतारों के दर्शन भी मिलते हैं। माना जाता है कि मूर्ति में मत्स्य, कूर्म, वराह, नरसिंह, वामन, परशुराम, राम, कृष्ण, बुद्ध और कल्कि जैसे दशावतारों की झलक दिखाई देती है।
मूर्ति के नीचे छिपा राज
रामलला की मूर्ति के निचले हिस्से पर बारीकी से देखने पर एक ओर हनुमान जी और दूसरी ओर गरुड़ देव के दर्शन भी होते हैं। यह इस बात का प्रतीक है कि भगवान राम को हमेशा अपने परम भक्त हनुमान जी और वाहन गरुड़ जी का साथ प्राप्त रहा है।
ये कुछ रोचक तथ्य हैं जो रामलला की मूर्ति को और भी विशेष बनाते हैं। इन अनोखे रहस्यों के बारे में जानकर निश्चित रूप से आप रामलला के प्रति अपनी श्रद्धा को और भी गहरा महसूस करेंगे।