साइक्लोनिक सर्कुलेशन से बढ़ी मुसीबत, 21 जिलों में अतिभारी बारिश का अलर्ट

MP News: जुलाई की शुरुआत में कुछ दिनों की खामोशी के बाद इंदौर में आखिरकार तेज बारिश दर्ज हुई। एयरपोर्ट पर महज डेढ़ घंटे में 7 एमएम और रीगल तिराहा पर 14 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई। बारिश के दौरान 41 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं भी चलीं। एक हफ्ते से मानसून ट्रफ और चक्रवातीय सिस्टम इंदौर से होकर गुजर रहा था, लेकिन बंगाल की खाड़ी से मजबूत सिस्टम नहीं बनने से बादल बरस नहीं पा रहे थे। अब मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है कि अगले कुछ दिनों में स्थिति बदलने वाली है।
दो सिस्टम सक्रिय, अगले 48 घंटे चुनौती भरे
भारत मौसम विज्ञान विभाग भोपाल के मुताबिक, प्रदेश में फिलहाल दो सिस्टम एक्टिव हैं। एक चक्रवातीय सिस्टम उत्तरी मध्यप्रदेश के आसपास बना हुआ है, जबकि दूसरी ट्रफ लाइन उत्तरी एमपी से बंगाल की खाड़ी की तरफ बढ़ रही है। इनके असर से इंदौर सहित आसपास के जिलों में तेज बारिश होने की संभावना है। इसके अलावा एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन भी एक्टिव है, जिससे इंदौर और आसपास के क्षेत्रों में बारिश की गतिविधियां बढ़ सकती हैं। मौसम विभाग ने 15 जुलाई तक मध्यम वर्षा के आसार जताए हैं, जबकि कुछ जिलों में अगले 48 घंटों में भारी बारिश को लेकर Orange अलर्ट जारी किया गया है।
21 जिलों के लिए जारी हुआ अलर्ट
मौसम विभाग ने भोपाल, रायसेन, सीहोर, ग्वालियर, दतिया, भिंड, मुरैना, उज्जैन, देवास, शाजापुर, रतलाम, नीमच, मंदसौर, आगर-मालवा, राजगढ़, विदिशा, गुना, अशोकनगर, शिवपुरी और श्योपुर समेत 21 जिलों में अतिभारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। वहीं बीते दिन इंदौर में अधिकतम तापमान 31.6 डिग्री और न्यूनतम तापमान 23.6 डिग्री दर्ज हुआ, जिसमें पिछले 24 घंटों में 1.7 डिग्री की बढ़ोतरी और 0.6 डिग्री की कमी देखी गई। आद्रता का स्तर 74% तक रहा। इस महीने शहर में औसतन 12.4 इंच (310 एमएम) बारिश और लगभग 13 बारिश के दिन रहते हैं।
इतिहास की बात करें तो जुलाई 1973 में 773.8 एमएम बारिश दर्ज की गई थी, जबकि 1913 में 24 घंटे की सर्वाधिक वर्षा 293.4 एमएम रिकॉर्ड की गई थी। 12 जुलाई 1966 को सर्वाधिक अधिकतम तापमान 39.6 डिग्री दर्ज हुआ था और 11 जुलाई 1983 को न्यूनतम तापमान 18.9 डिग्री तक गिरा था। इस बार साइक्लोनिक सर्कुलेशन और दो सिस्टम के कारण बारिश का दौर और भी प्रभावी रहने की संभावना है।