MP मानसून सत्र का छठा दिन , विधानसभा में नया विधायक आज पेश

MP न्यूज़: मानसून सत्र का छठा दिन आज खास रहने वाला है, जब विधानसभा में मप्र महानगर क्षेत्र नियोजन एवं विकास विधेयक 2025 समेत 6 अहम बिल पेश किए जाएंगे। भोपाल और इंदौर के चारों ओर मेट्रोपॉलिटन रीजन के गठन का रास्ता तैयार होगा। वहीं कांग्रेस आदिवासी वनाधिकार और मंत्री विजय शाह पर आरोपों को लेकर जोरदार घेराबंदी की तैयारी में है।
विधानसभा में मेट्रोपॉलिटन विधेयक होगा पेश
मप्र महानगर क्षेत्र नियोजन एवं विकास विधेयक 2025 के जरिए भोपाल और इंदौर के मेट्रोपॉलिटन रीजन की सीमाएं तय होंगी। इन क्षेत्रों के विकास और नियोजन के लिए मेट्रोपॉलिटन रीजन अथॉरिटी बनाई जाएगी। सरकार का मानना है कि इससे नगरीय विकास में गति आएगी और बेहतर योजना के साथ काम होगा। इस विधेयक को मेट्रोपॉलिटन विधेयक कहा जा रहा है और यह नगरीय ढांचे में बड़ा बदलाव लाने की कोशिश है।
भोपाल और इंदौर के नए क्षेत्र तय
भोपाल मेट्रोपॉलिटन रीजन में मंडीदीप, रायसेन, औबेदुल्लागंज, सांची, विदिशा, सीहोर, आष्टा, नरसिंहगढ़ और ब्यावरा जैसे इलाके शामिल होंगे। वहीं इंदौर मेट्रोपॉलिटन रीजन में इंदौर जिले के अलावा देवास, उज्जैन, बड़वाह, धार, सोनकच्छ और शाजापुर के कुछ हिस्से जोड़े जाएंगे। भोपाल और इंदौर के बीच सीहोर और देवास के पास सीमा निर्धारित होगी, जहां से एक रीजन खत्म और दूसरा शुरू होगा।
अन्य पाँच विधेयक भी होंगे पेश
विधानसभा में पांच और विधेयक पेश होंगे। इनमें कारखाना (मप्र संशोधन) विधेयक 2025, दुकान तथा स्थापना (संशोधन) विधेयक 2025, मोटरयान कराधान (संशोधन) विधेयक 2025, विधिक सहायता तथा विधिक सलाह (निसरण) विधेयक 2025 और मप्र विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक 2025 शामिल हैं। इन पर 30 मिनट की चर्चा तय की गई है ताकि इन्हें पारित किया जा सके।
कांग्रेस का ध्यानाकर्षण प्रस्ताव
कांग्रेस ने विधानसभा में आदिवासी वनाधिकार के मुद्दे पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लाने की तैयारी की है। पार्टी का कहना है कि वनाधिकार के दावेदारों के प्रकरण जानबूझकर खारिज किए जा रहे हैं, जिससे आदिवासी समुदाय बेदखल हो रहा है। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार और अजय सिंह इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाएंगे और सरकार को कठघरे में खड़ा करेंगे।
मंत्री विजय शाह पर फिर घमासान
विधानसभा के पिछले दिन भी कांग्रेस ने मंत्री विजय शाह पर सेना का अपमान करने का आरोप लगाया था, जिस पर इस्तीफे की मांग करते हुए हंगामा किया गया। इस वजह से प्रश्नोत्तर काल स्थगित करना पड़ा और सदन की कार्यवाही रुकी। कांग्रेस ने संकेत दिए हैं कि मंत्री के आने पर फिर से जोरदार विरोध हो सकता है, जिससे सत्र के दौरान तनातनी बनी रहेगी।
सत्र के राजनीतिक मायने
इन विधेयकों के जरिए सरकार नगरीय विकास, श्रम सुधार, वाहन कर में बदलाव और उच्च शिक्षा जैसे क्षेत्रों में तेजी से सुधार करना चाहती है। वहीं विपक्ष इन मुद्दों के साथ-साथ आदिवासी अधिकारों और मंत्री पर आरोपों को बड़ा मुद्दा बनाकर सरकार पर दबाव बनाए रखने की रणनीति पर काम कर रहा है। इससे विधानसभा का माहौल गरम रहने की संभावना है।
विधेयकों पर सीमित चर्चा
इन छह विधेयकों पर 30 मिनट का समय निर्धारित किया गया है। सरकार की कोशिश है कि चर्चा के बाद इनका पारित होना आसान रहे, जबकि विपक्ष की रणनीति इन पर सवाल खड़े कर समय बढ़ाने की हो सकती है। खासकर मेट्रोपॉलिटन रीजन के गठन पर विपक्ष अलग दृष्टिकोण से सवाल उठा सकता है।
अगले सप्ताह की तैयारियां
सत्र के आने वाले दिनों में भी कई अहम बिल पेश होंगे और राजनीतिक बयानबाज़ी तेज हो सकती है। कांग्रेस का फोकस आदिवासी वनाधिकार, बेरोज़गारी और महंगाई पर रहेगा। सरकार अपने विकास एजेंडे को प्रमुखता से सामने रखकर विपक्ष की घेराबंदी को जवाब देगी।