MP में कानून के छात्र पर NSA लगाना गलत, सुप्रीम कोर्ट का सख्त फैसला

मध्य प्रदेश में कानून के छात्र अनिकेत उर्फ अन्नू को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा है कि राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के अधीन उसे हिरासत में लेना पूरी तरह गलत है। कोर्ट ने इस वक्त उसकी तुरंत रिहाई का आदेश दिया है कि हिरासत के पीछे दिए गए कारण NSA की कानूनी शर्तों को पूरा नहीं करते।
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अदालत में हिरासत आदेश की कानूनी समीक्षा
जुलाई 2024 में बैतूल विश्वविद्यालय कैम्पस में प्रोफेसर से हुई झगड़े के बाद छात्र के खिलाफ हत्या की कोशिश समेत अन्य आरोपों में FIR दर्ज की गई थी। इसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया और जेल में रहने के दौरान NSA के तहत हिरासत आदेश जारी कर दिया गया, जिसे हर तीन महीने बाद बढ़ाया जाता रहा। सुप्रीम कोर्ट ने यह पाया कि 11 जुलाई 2024 को जारी पहला हिरासत आदेश NSA की धारा 3(2) की कानूनी आवश्यकताओं को पूरा नहीं करता और इसलिए वह पूरी तरह अवैध है।
हाईकोर्ट ने पहले याचिका खारिज की थी
इससे पहले 25 फरवरी को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने अनिकेत के पिता की ओर से दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी थी कि छात्र के खिलाफ आपराधिक मामलों का लंबा इतिहास है और वह आदतन अपराधी। कोर्ट ने माना कि उसकी उपस्थिति सार्वजनिक व्यवस्था के लिए खतरा बन सकती है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा – छात्र को तुरंत रिहा करें
जस्टिस उज्ज्वल भुइयां और के. विनोद चंद्रन की पीठ ने स्पष्ट किया कि छात्र की प्रिवेंटिव डिटेंशन यथासमय चार बार बढ़ाई गई और उसकी हिरासत 12 जुलाई 2025 तक बढ़ाई गई थी। लेकिन कोर्ट ने निर्देश दिया है कि यदि छात्र किसी अन्य आपराधिक मामले में आवश्यक नहीं है, तो उसे अपने आप रिहा किया जाए। कोर्ट ने जिला मजिस्ट्रेट द्वारा जारी हिरासत आदेश में गंभीर खामियां पाई और कहा कि वह मामले में विस्तृत तर्कसंगत आदेश पारित करेंगे।
आरोपी के खिलाफ कितने मामले?
राज्य सरकार ने अदालत को सूचित किया कि छात्र के खिलाफ नौ आपराधिक मामले दर्ज हैं जिनमें से कुछ विश्वविद्यालय परिसर, बैतूल से संबंधित हैं। हालांकि, बचाव पक्ष ने बताया कि इनमें से पांच मामलों में अनिकेत को बरी कर दिया गया है और एक मामले में बस जुर्माना ही लगाया गया है।