Himachal Cloudburst:हिमाचल बादल फटने की तबाही, मंडी में परिवार खत्म, 10 महीने की बच्ची अकेली बची, कंगना रनौत ने लिया जायजा

Himachal Cloudburst: हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में 1 जुलाई 2025 को बादल फटने की घटनाओं ने भारी तबाही मचाई। परवाड़ा पंचायत के तलवाड़ा गांव में एक परिवार की मार्मिक कहानी सामने आई। दस महीने की बच्ची नीतिका देवी चमत्कारिक रूप से जीवित बची, लेकिन उसका पूरा परिवार खत्म हो गया। नीतिका के पिता रमेश कुमार (31 वर्ष) घर में घुस रहे पानी को रोकने की कोशिश में बाहर निकले थे, जब बादल फटा। उनका शव मलबे से बरामद हुआ। मां राधा देवी (24 वर्ष) और दादी पूर्णू देवी (59 वर्ष) उन्हें ढूंढने निकलीं, लेकिन दोनों अब भी लापता हैं। पड़ोसी प्रेम सिंह ने बच्ची को मलबे में रोते हुए पाया और उसे रमेश के चचेरे भाई बलवंत को सौंपा, जो पूर्व मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के निजी सुरक्षा अधिकारी हैं। नीतिका अब अपनी मौसी की देखरेख में है। उप-मंडल मजिस्ट्रेट ने बच्ची के लिए बैंक खाता खोलने की घोषणा की है, जिसमें सहायता राशि जमा होगी। परिवार को तत्काल 25,000 रुपये की आर्थिक मदद दी गई।
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कंगना रनौत और जय राम ठाकुर का दौरा
मंडी सांसद कंगना रनौत और पूर्व मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने 6 जुलाई 2025 को आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। कंगना ने थुनाग उपमंडल सहित प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लिया और केंद्र सरकार की त्वरित राहत कार्रवाई पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि उनकी जिम्मेदारी है कि प्रभावितों की स्थिति सरकार तक पहुंचाई जाए और धनराशि सुनिश्चित हो। कंगना को पहले उनकी अनुपस्थिति के लिए आलोचना झेलनी पड़ी, क्योंकि उन्होंने 4 जुलाई को सोशल मीडिया पर कहा था कि जय राम ठाकुर ने उन्हें सड़क संपर्क बहाल होने तक इंतजार करने की सलाह दी थी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू राहत कार्यों की निगरानी कर रहे हैं और प्रभावितों को हर संभव सहायता का आश्वासन दे रहे हैं।
तबाही का मंजर
मंडी में 10 बादल फटने की घटनाओं ने भारी नुकसान पहुंचाया। अब तक 14 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है और 31 लोग लापता हैं। पूरे हिमाचल में 27 जून से अब तक 74 लोग मारे गए और 37 लापता हैं। 150 से अधिक घर, 104 गोशालाएं, 31 वाहन, 14 पुल, और 162 मवेशी नष्ट हुए। अनुमानित नुकसान 700 करोड़ रुपये के करीब है। मंडी में 248 सड़कें और पूरे राज्य में 489 बिजली ट्रांस्फार्मर बंद हैं। किरतपुर-मनाली हाईवे कई जगह अवरुद्ध है। जलापूर्ति योजनाओं को 121 करोड़ का नुकसान हुआ और 171 पेयजल योजनाएं प्रभावित हैं। थुनाग, करसोग, गोहर, पवारा, बैदशाद, कांडा, और मुराद जैसे क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। सरकार ने प्रभावितों को 50,000 रुपये तत्काल सहायता और 3 महीने तक 5,000 रुपये मासिक किराए की घोषणा की है। सिराज में रोपवे मुफ्त किए गए और 1,300 खाद्य किट वितरित किए गए।
बचाव और राहत कार्य
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल, पुलिस, होम गार्ड्स, और सेना के सहयोग से बचाव कार्य तेजी से चल रहे हैं। मंडी में 278 सहित 370 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला गया। ड्रोन और स्निफर डॉग्स का उपयोग लापता लोगों को ढूंढने के लिए किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने प्रभावितों को जमीन आवंटन का आश्वासन दिया है, और केंद्र सरकार ने पूरी सहायता का वादा किया है।
मौसम और भविष्य की चेतावनी
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने 7 जुलाई तक मंडी, कांगड़ा, और सिरमौर में भारी से अति भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है। ज्यूनी खड्ड और ब्यास नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। निवासियों से जोखिम वाले क्षेत्रों से दूर रहने और स्थानीय अलर्ट का पालन करने को कहा गया है।
सावधानियां और सलाह
नदी-नालों और संवेदनशील क्षेत्रों से दूर रहें। गैर-जरूरी यात्रा से बचें, खासकर अवरुद्ध सड़कों पर। बिजली और भूस्खलन के जोखिम के कारण सतर्क रहें। राहत शिविरों और स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।