चाँद तारे दिखा देगी Chakori ki Kheti किसान होंगे मालामाल
Chakori ki Kheti: दोस्तों, अगर आप खेती-बाड़ी से जुड़े हैं और अधिक मुनाफा कमाना चाहते हैं तो चिकोरी की खेती आपके लिए बेहतर विकल्प साबित हो सकती है। अन्य पारंपरिक फसलों की तुलना में किसानों को इस खेती से अधिक मुनाफा मिल रहा है। ऐसा कहना महज बात नहीं है, बल्कि कई किसान हैं जो चिकोरी की खेती करके अच्छा खासा मुनाफा कमा रहे हैं। इसलिए इस लेख में आपको चिकोरी की खेती से जुड़ी पूरी जानकारी दी जाएगी।
Chakori ki Kheti चिकोरी का उपयोग
चिकोरी का इस्तेमाल कई चीजों में होता है। जैसे कि कॉफी बनाने में, दवा बनाने में, चॉकलेट, बिस्कुट बनाने में और जानवरों की दवा बनाने में भी। इंसानों के लिए दवा की बात करें तो भूख ना लगने पर यह उसमें उपयोगी है, पेट खराब हो तो इसका सेवन करें, पेट ठीक हो जाएगा।
यह कब्ज दूर करने में सहायक है। यह लीवर पित्ताशय की थैली के विकार को ठीक करता है। यह कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों को रोकने में सक्षम है। अगर दिल की धड़कन तेज हो जाती है तो उसमें भी इसका सेवन फायदेमंद होता है। चिकोरी का सेवन करने से पाचन तंत्र मजबूत होता है।
इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। इसलिए यदि किसान चिकोरी की खेती करते हैं तो उन्हें इससे कमाई होगी। कई कंपनियां चिकोरी की डिमांड करती हैं, जिसके बारे में हम आपको आगे जानकारी देने जा रहे हैं।
Chakori ki Kheti के चरण
नीचे दिए गए बिंदुओं के अनुसार चिकोरी की खेती कैसे करें जानिए-
चिकोरी की खेती के समय की बात करें तो अक्टूबर से नवंबर के बीच चिकोरी की बुवाई की जाती है।
इसकी बुवाई करने से पहले खेत को अच्छी तरह तैयार करें। खेत की सिंचाई करें। पाटा का उपयोग करके इसे समतल करें।
फिर अच्छी उपज के लिए खेत में गोबर की खाद, सल्फर, जिंक मिलाएं।
एक एकड़ में 600 ग्राम बीज की आवश्यकता होती है।
चकोरी की खेती के लिए जलनिकास की व्यवस्था अच्छी होनी चाहिए।
पीएच मान की बात करें तो सामान्य पीएच मान बेहतर होता है।
चकोरी की खेती के लिए बलुई दोमट मिट्टी बेहतर होती है।
Chakori ki Kheti के लिए खाद
चकोरी की खेती के लिए गोबर की खाद अच्छी होती है। इससे अच्छी उपज प्राप्त की जा सकती है। इसके अलावा खेत में सल्फर और जिंक खाद डालें। इन तीनों खादों का मिश्रण चकोरी की खेती के लिए फायदेमंद होता है। खेत तैयार करते समय 5-6 ट्रॉली पुरानी गोबर की खाद डालें। अगर फसल की ग्रोथ अच्छी नहीं लग रही है तो नाइट्रोजन खाद दें। इसके लिए आप यूरिया डाल सकते हैं, इससे अच्छी ग्रोथ होगी।
Chakori ki Kheti कटाई
जड़ों के आकार के अनुसार गोबर की खाद की कटाई की जाती है। अगर यह अच्छा लग रहा है तो आप इसे खोद सकते हैं। अगर आपको बीज चाहिए तो चिकोरी के बीज बनने के बाद बीजों को काट लें और फिर उन्हें खोद लें। चिकोरी के बीज दो से तीन बार अलग-अलग समय पर उगते हैं। बीज दो से तीन बार निकलते हैं। अगर आपको हरा चारा चाहिए तो अगर रोपण के एक महीने या 25 दिन के भीतर ही फसल तैयार हो जाती है तो आप चारा काट सकते हैं। हरे चारे की जरूरत पड़ने पर एक फसल से 10 से 12 बार कटाई की जा सकती है। अगर अक्टूबर-नवंबर में चिकोरी की खेती की जाती है तो अप्रैल-मई में कटाई शुरू हो जाती है।
Chakori ki Kheti क्या है
चिकोरी का कंद मूली जैसा दिखता है। इसे चिकोरी भी कहा जाता है। चिकोरी को सब्जी भी माना जाता है। इसके जड़ तने और पत्तों को सब्जी के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके फलों में बीज होते हैं। चिकोरी की जड़ों को काटकर सुखाकर पाउडर बनाकर कॉफी के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। चिकोरी के पत्तों को सलाद के रूप में भी कच्चा खाया जाता है, इसे पकाकर भी खाया जा सकता है। यह सेहत के लिए फायदेमंद है।
चिकोरी कहां बेचें
चिकोरी की खेती करने वाले किसान कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग कर सकते हैं। यानी कंपनियों से संपर्क करके चिकोरी की खेती कर सकते हैं। कंपनियां अपनी जरूरत के हिसाब से जितनी चिकोरी की खेती करवाएं और पहले से कीमत तय करके उसे बेच दें। इससे उन्हें कोई नुकसान नहीं होगा। कॉफी पाउडर, बिस्कुट-चॉकलेट, जानवरों की दवाइयां और इंसानों की दवाइयां बनाने वाली कंपनियां चिकोरी की मांग करती हैं। इस तरह किसान इन कंपनियों से संपर्क करके कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के रूप में चिकोरी की खेती कर सकते हैं।