भोपाल के 90 डिग्री मोड़ वाले आरओबी पर सरकार का बड़ा एक्शन

भोपाल का ऐशबाग रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) अपनी 90 डिग्री वाली अजीब डिजाइन की वजह से काफी विवाद में रहा। अब सरकार ने तेज़ी से एक्शन लेते हुए अपने ऊपर इस निर्माण में हुई लापरवाही के लिए PWD के कई इंजीनियरों को सस्पेंड कर दिया है और डिज़ाइन तैयार करने वाली एजेंसी को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है।
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निर्माण में लापरवाही और दोषी अफसरों पर कार्रवाई
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने खुद सोशल मीडिया पर जानकारी दी कि ऐशबाग आरओबी में हुई भारी गड़बड़ी की जांच के आदेश उन्होंने पहले ही दे दिए थे। अब रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई हुई है। इस लिस्ट में दो मुख्य अभियंता संजय खांडे और जीपी वर्मा, कार्यकारी अभियंता जावेद शकील और शबाना रज्जाक, उपविभागीय अधिकारी रवि शुक्ला, उप-इंजीनियर उमाशंकर मिश्रा और सहायक अभियंता शानुल सक्सेना शामिल हैं। रिटायर्ड एसई एमपी सिंह पर विभागीय जांच चलेगी।
डिज़ाइन एजेंसी और कंसल्टेंट हुए ब्लैकलिस्ट
मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि इस आरओबी के डिज़ाइन में गंभीर खामी पाई गई। इसे तैयार करने वाली आर्किटेक्ट फर्म ‘मेसर्स पुनीत चड्ढा’ और डिज़ाइन कंसल्टेंट ‘मेसर्स डायनेमिक कंसल्टेंट’ को भी ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है। साथ ही, आरओबी की खामी सुधारने के लिए एक विशेषज्ञ कमेटी बनाई गई है। सुधार होने के बाद ही ब्रिज का उद्घाटन किया जाएगा।
ब्रिज की बनावट और विवाद
यह ओवरब्रिज भोपाल की राजधानी ऐशबाग स्टेडियम के पास है और इसे लगभग 18 करोड़ की मेहनत से तैयार किया गया है। इसका उद्देश्य महामाई का बाग, पुष्पा नगर और स्टेशन क्षेत्र को नए भोपाल से जोड़ना था ताकि ट्रैफिक आसान हो सके और दैनिक करीब 3 लाख लोगों को असुविधा से मुक्ति मिले। लेकिन 90 डिग्री का मोड़ ने इसे चर्चा का केंद्र बना दिया है। सोशल मीडिया पर लोग इसकी डिजाइन का खूब मज़ाक बना चुके हैं।
समाधान की दिशा में अगला कदम
पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने साफ किया है कि अगर थोड़ी और ज़मीन मिल जाए, तो इस तीखे मोड़ को ‘कर्व’ में बदला जा सकता है ताकि ट्रैफिक सुरक्षित और सुचारू हो सके। इसी दिशा में विचार कर एक समिति भी बनाई गई है।