नोट छापने की मशीन बना देगी जनवरी में इन 3 सब्जियों की खेती, मंडी में सबसे पहले पहुंच के छापेंगे नोट ही नोट
नोट छापने की मशीन बना देगी जनवरी में इन 3 सब्जियों की खेती, मंडी में सबसे पहले पहुंच के छापेंगे नोट ही नोट,सब्जियों की खेती करके किसान कम समय में ज्यादा कमाई कर सकते हैं। जिसमें अगर वे शुरुआती सब्जियों की खेती करते हैं तो उसमें ज्यादा मुनाफा होता है। शुरुआती सब्जियों को बाजार में सबसे ज्यादा कीमत मिलती है। इसके अलावा किसान देर से लगने वाली सब्जियों की खेती में भी कमाई करते हैं, तो आइए आज हम तीन ऐसी फसलों के बारे में जानते हैं जिनको जनवरी के महीने में लगाकर किसानों को बाजार से भारी मुनाफा मिल सकता है क्योंकि उन सब्जियों को बाजार में अच्छी कीमत मिलेगी।
जनवरी में कौन सी सब्जियां लगाएं
जनवरी के महीने में कई सब्जियों की खेती की जा सकती है। लेकिन आज हम कुछ ही फसलों की खेती के बारे में जानेंगे ताकि किसान भाइयों को ज्यादा मुनाफा हो।
अगर आप जनवरी के महीने में शुरुआती फसलों की खेती करना चाहते हैं, जिन्हें बाजार में सबसे ज्यादा कीमत मिलती है, तो इस समय आप जनवरी में खीरे की नर्सरी तैयार कर सकते हैं और फरवरी में उसका रोपण कर सकते हैं। खीरे की नर्सरी से भी आप अच्छी कमाई कर सकते हैं। अगर आप ज्यादा उत्पादन लेना चाहते हैं तो उसके लिए सुधरी हुई किस्म का चयन करें।
साथ ही उस किस्म का चयन करें जिसकी आपके बाजार में ज्यादा कीमत मिलती हो और जिसकी डिमांड हो। अगर आप अभी खीरे की नर्सरी तैयार करते हैं तो फरवरी में रोपण शुरू हो जाएगा और अप्रैल में उत्पादन शुरू हो जाएगा।
इसके अलावा किसान इस समय भिंडी की खेती कर सकते हैं। जनवरी में भिंडी की खेती करना फायदेमंद रहेगा। अगर किसान जनवरी में भिंडी की जल्दी बुवाई करते हैं तो वे 15 जनवरी के बाद भिंडी की बुवाई कर सकते हैं जब तापमान कम हो जाता है। जिसके लिए अभी से अच्छी खेत की तैयारी कर लें। भिंडी की फसल 50 दिन में तैयार हो जाती है। दो पौधों के बीच की दूरी 1 फीट और दो लाइनों के बीच की दूरी भी एक फीट रखें।
किसान इस समय करेले की खेती भी कर सकते हैं। जनवरी में करेले की खेती करने से किसानों को फायदा होगा। जिसमें अगर ट्रेलिस विधि से खेती की जाए तो अच्छा उत्पादन प्राप्त होगा। करेले की फसल 55 दिन में तैयार हो जाएगी। ट्रेलिस विधि से खेती करने के कई फायदे हैं। उत्पादन ज्यादा होता है, कटाई आसान होती है, कीट-रोग कम लगते हैं।