मध्यप्रदेश परिवहन विभाग का बड़ा फैसला चेक पोस्ट से निजी कर्मचारियों को हटाने के आदेश
मध्य प्रदेश परिवहन विभाग ने एक अहम फैसला लिया है। विभाग ने चेक पोस्ट से निजी कर्मचारियों को हटाने का आदेश दिया है। दरअसल, विभाग को शिकायतें मिली थीं कि निजी कर्मचारी प्रदेश भर के विभिन्न चेक पोस्ट पर तैनात हैं। पहले भी विभाग ने आदेश जारी किए थे कि चेक पोस्ट पर कोई भी निजी कर्मचारी या अनधिकृत व्यक्ति मौजूद नहीं होना चाहिए।
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लेकिन, इन आदेशों के बाद भी कई चेक पोस्ट पर निजी कर्मचारियों को तैनात रखा गया और उनके द्वारा काम करवाया जाता रहा। इसी सिलसिले में विभाग को कई शिकायतें मिलीं। विभाग का मानना है कि निजी कर्मचारियों की चेक पोस्ट पर तैनाती अनुशासनहीनता की श्रेणी में आती है क्योंकि उनकी यहां कोई जरूरत नहीं है।
अब कोई भी अनधिकृत व्यक्ति नहीं!
परिवहन आयुक्त कार्यालय के आदेश के अनुसार, अब चेक पोस्ट पर किसी भी निजी कर्मचारी या अनधिकृत व्यक्ति के प्रवेश की अनुमति नहीं है। विभाग ने ऐसे कर्मचारियों को हटाने के आदेश दिए हैं। साथ ही, जिला परिवहन अधिकारियों को चेक पोस्टों का औचक निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए हैं।
निजी कर्मचारियों को हटाने के आदेश
मध्य प्रदेश के कई चेक पोस्ट पर निजी कर्मचारी काम कर रहे थे। इस बारे में पहले भी खबरें सामने आई थीं। परिवहन आयुक्त कार्यालय ने पहले भी सभी निजी कर्मचारियों को हटाने के आदेश दिए थे, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसी वजह से विभाग को दोबारा सख्त आदेश जारी करने पड़े हैं।
अवैध वसूली की शिकायतें
जहां-जहां मध्य प्रदेश में चेक पोस्ट पर निजी कर्मचारी तैनात थे, वहां वाहन चालकों से अवैध वसूली की शिकायतें भी मिली थीं। कई ड्राइवरों का कहना है कि उनके पास सभी जरूरी दस्तावेज होने के बाद भी उनका चालान काटा जाता था और उन्हें डराया-धमकाया जाता था।
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सख्त निर्देश
परिवहन विभाग ने चेक पोस्ट से निजी कर्मचारियों को हटाने के सख्त निर्देश दिए हैं। विभाग का मानना है कि इससे आम जनता को परेशानी नहीं होगी और वाहन चालकों को अवैध वसूली से बचाया जा सकेगा।