हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: MP में Paramedical College की मान्यता प्रक्रिया पर रोक

MP News: मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने पैरामेडिकल कॉलेजों की मान्यता को लेकर बड़ा कदम उठाते हुए आदेश जारी किया है कि बिना नियमों के मान्यता देने की प्रक्रिया पर फिलहाल रोक लगाई जाए। याचिकाकर्ता द्वारा अदालत को बताया गया कि कई कॉलेजों को सत्र 2023 की मान्यता बैकडेट में दी जा रही थी और मेडिकल यूनिवर्सिटी में एनरोलमेंट के बिना ही छात्रों को दाखिला दिया जा रहा था।
हाईकोर्ट ने गंभीर गड़बड़ियों पर जताई चिंता
हाईकोर्ट ने नर्सिंग घोटाले से जुड़ी जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान पाया कि पैरामेडिकल कोर्स में भी बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हो रही है। लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन की ओर से दाखिल अतिरिक्त आवेदन में बताया गया कि एमपी पैरामेडिकल काउंसिल ने 2023-24 और 2024-25 सत्र की मान्यता बिना किसी जांच या निरीक्षण के बांटी। आरोप लगाया गया कि कई सरकारी और निजी कॉलेज बिना यूनिवर्सिटी की संबद्धता के भी एडमिशन दे रहे हैं।
मध्यप्रदेश में भारी बारिश से 54 डैम ओवरफ्लो, नर्मदा उफान पर और 12 जिलों में अलर्ट
उन्हीं इमारतों में चल रहे College, जिन्हें नर्सिंग घोटाले में बताया था UnSuitable
याचिका में खुलासा हुआ कि जिन कॉलेजों को नर्सिंग घोटाले की जांच में सीबीआई ने अनसूटेबल बताया था, उन्हीं इमारतों में अब पैरामेडिकल कॉलेज खोले जा रहे हैं और उन्हें मान्यता दी जा रही है। हाईकोर्ट ने इस पूरे मामले को स्वत: संज्ञान में लेते हुए नया आवेदन अलग जनहित याचिका के रूप में पंजीबद्ध करने का निर्देश दिया। साथ ही मध्यप्रदेश पैरामेडिकल काउंसिल के चेयरमैन और रजिस्ट्रार को भी पक्षकार बनाने को कहा।
24 जुलाई को अगली सुनवाई, पूरे प्रदेश की मान्यता प्रक्रिया पर रोक
मामले की गंभीरता को देखते हुए कोर्ट ने पूरे मध्यप्रदेश में पैरामेडिकल कॉलेजों की मान्यता और एडमिशन प्रक्रिया पर तुरंत प्रभाव से रोक लगा दी है। अगली सुनवाई की तारीख 24 जुलाई तय की गई है, जहां नर्सिंग घोटाले से जुड़ी बाकी याचिकाओं पर भी सुनवाई होगी। इस बीच एक कॉल रिकॉर्डिंग भी वायरल हो रही है, जिसमें प्राइवेट नर्सिंग इंस्टीट्यूट एसोसिएशन ऑल इंडिया के प्रेसिडेंट और एक निजी कॉलेज संचालक के बीच बातचीत बताई जा रही है। यह मामला प्रदेश में पैरामेडिकल और नर्सिंग शिक्षा से जुड़ी गहराई तक फैली गड़बड़ियों को उजागर करता है।