इंदौर-खंडवा रेल लाइन को मिली नई रफ्तार, अब उत्तर से दक्षिण भारत तक आसान सफर

MP News: इंदौर-खंडवा रेल परियोजना भारतीय रेलवे नेटवर्क का एक अहम हिस्सा बनेगी, जो उत्तर भारत को दक्षिण भारत से जोड़ने वाली सबसे छोटी और सीधी रेल लाइन होगी। इस रेल लाइन से इंदौर और खंडवा के बीच यात्रा में समय और दूरी दोनों की बचत होगी, साथ ही इंदौर के व्यापारिक और औद्योगिक विकास को भी मजबूती मिलेगी। वन विभाग से एनओसी मिलने के बाद इस परियोजना के निर्माण कार्य को अब तेज़ी से पूरा किया जा सकेगा।
परियोजना को मिली वन विभाग की मंजूरी
इंदौर-खंडवा रेल परियोजना की सबसे बड़ी अड़चन वन विभाग की एनओसी थी, जो अब दूर हो गई है। एनओसी जारी होने से इस परियोजना में तेजी आने की उम्मीद है। पर्यावरण के नजरिए से भी जरूरी कागजी प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब निर्माण कार्य बिना किसी अतिरिक्त रुकावट के आगे बढ़ेगा। इस फैसले से रेल विभाग और परियोजना से जुड़े अन्य संस्थानों को भी नई दिशा मिली है और जल्द ही यात्रियों को इस रेल मार्ग का लाभ मिलने की संभावना है।
सांसद शंकर लालवानी और मुख्यमंत्री मोहन यादव का योगदान
इस परियोजना में सांसद शंकर लालवानी की भूमिका महत्वपूर्ण रही। उन्होंने रेलवे अधिकारियों और वन विभाग के बीच बैठकें करवा कर प्रशासनिक अड़चनों को दूर करने में मदद की। साथ ही मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भी परियोजना को प्राथमिकता देकर वन विभाग से अनुमति दिलवाने में सहयोग किया। मुख्यमंत्री के समर्थन से परियोजना अब पूरी तरह सक्रिय हो चुकी है और राज्य सरकार की ओर से भी जरूरी मदद दी जा रही है। इन दोनों नेताओं के प्रयासों से अब यह परियोजना हकीकत के करीब है।
व्यापार और पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
इंदौर-खंडवा रेल लाइन के चालू होने से यह मार्ग खंडवा, भुसावल, नासिक, मुंबई और दक्षिण भारत के राज्यों जैसे तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और केरल से इंदौर को सीधा जोड़ेगा। इससे व्यापारिक गतिविधियों को नई गति मिलेगी और माल ढुलाई की लागत भी कम होगी। साथ ही यात्रियों के लिए सफर तेज़, किफायती और सुविधाजनक होगा। रेलवे नेटवर्क के इस विस्तार से न केवल इंदौर और खंडवा बल्कि पूरे मध्य प्रदेश और आस-पास के इलाकों में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा, जिससे राज्य के आर्थिक विकास को नई दिशा मिलेगी।