इंदौर अब बनाएगा बनारस को साफ, Swachhata Model से बदलेगी शहर की तस्वीर

MP News: देश का सबसे स्वच्छ शहर इंदौर अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी को भी साफ-सुथरा बनाने की दिशा में कदम बढ़ा चुका है। नगरीय विकास मंत्रालय के निर्देश पर इंदौर नगर निगम की उच्चस्तरीय टीम सोमवार को वाराणसी पहुंच गई है, जहां वह इंदौर का सफल “स्वच्छता मॉडल” लागू करने की योजना तैयार करेगी।
वाराणसी में होगी विशेष बैठक, इंदौर मॉडल का होगा प्रेजेंटेशन
इंदौर से पहुंची टीम मंगलवार को वाराणसी के कलेक्टर और नगर निगम अधिकारियों के साथ बैठक करेगी। इस दौरान इंदौर के सफाई मॉडल की प्रस्तुति दी जाएगी और वाराणसी की जरूरतों के अनुसार इसे स्थानीय स्तर पर कैसे लागू किया जाए, इस पर चर्चा होगी। इस टीम में नगरीय प्रशासन आयुक्त संकेत भोंडवे, इंदौर निगमायुक्त शिवम वर्मा, अपर आयुक्त अभिलाष मिश्रा समेत कई अधिकारी शामिल हैं। योजना का उद्देश्य सिर्फ सफाई व्यवस्था सुधारना ही नहीं बल्कि वाराणसी के ऐतिहासिक घाटों और गलियों को नई चमक देना भी है। इससे साफ है कि इंदौर अब अपनी सफलता को दूसरे शहरों में भी दोहराने की तैयारी कर चुका है।
क्या है इंदौर का स्वच्छता मॉडल, जिसने बनाया देश का रोल मॉडल
इंदौर का सफाई मॉडल देशभर में मिसाल बन चुका है। इसकी सबसे बड़ी ताकत है 100% डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन, कचरे का छह श्रेणियों में पृथक्करण, जीरो वेस्ट मैनेजमेंट जोन और जनता की सक्रिय भागीदारी। लगातार जागरूकता अभियानों के जरिए शहरवासियों को सफाई का हिस्सा बनाया गया। इसी मॉडल के दम पर इंदौर ने लगातार सात साल तक सबसे स्वच्छ शहर का खिताब जीता है। नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने पहले ही कहा था कि इंदौर को आठवीं बार अवॉर्ड तभी मिलेगा जब वह किसी और शहर को भी साफ करेगा। अब वह बात हकीकत बन गई है, और इंदौर की टीम वाराणसी को साफ करने की जिम्मेदारी निभा रही है।
पहली बार किसी दूसरे शहर की सफाई व्यवस्था सुधारेगा इंदौर
अब तक देशभर से कई शहरों के अफसर इंदौर आकर सफाई मॉडल का अध्ययन करते रहे हैं, लेकिन यह पहली बार है जब इंदौर की टीम खुद दूसरे शहर में जाकर सफाई सुधारने का काम करेगी। इसे इंदौर के राष्ट्रीय नेतृत्व की ओर बढ़ती बड़ी छलांग माना जा रहा है। अब सबकी निगाहें इस पर होंगी कि क्या इंदौर का मॉडल वाराणसी की गलियों और घाटों को भी उसी तरह चमका पाता है जैसे उसने अपने शहर को बनाया है। इंदौर का यह कदम सिर्फ सफाई तक सीमित नहीं बल्कि एक शहर के अनुभव को राष्ट्रीय मिशन में बदलने की दिशा में अहम माना जा रहा है।