Indore BRTS: इंदौर में बीआरटीएस हटाने में देरी, लोग खुद बस लेन में चला रहे वाहन

Indore BRTS: इंदौर का 11.45 किलोमीटर लंबा बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (BRTS) कॉरिडोर हटाने की प्रक्रिया में बार-बार देरी हो रही है। 3 जुलाई 2025 तक, इंदौर नगर निगम तीसरी बार टेंडर जारी कर रहा है, क्योंकि पहले दो टेंडरों में कोई ठेकेदार सामने नहीं आया। फरवरी 2025 में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के आदेश और मुख्यमंत्री मोहन यादव की घोषणा के बाद भी केवल 400 मीटर रेलिंग हटाई गई थी। इस देरी से तंग आकर लोग अब बस लेन में कार, बाइक और अन्य वाहन चलाने लगे हैं, जिससे सिटी बसों के साथ मिक्स्ड ट्रैफिक की स्थिति बन रही है।
बस लेन का दुरुपयोग
इंदौर का बीआरटीएस कॉरिडोर, जो निरंजनपुर से राजीव गांधी चौराहे तक फैला है, अब बसों के साथ-साथ निजी वाहनों की आवाजाही का केंद्र बन गया है। खासकर एलआईजी से गीताभवन के बीच, जहां मोटर व्हीकल लेन संकरी है, लोग बस लेन का इस्तेमाल कर रहे हैं। सुबह और शाम के समय कामन व्हीकल लेन में भारी जाम लगता है, जबकि बस लेन खाली रहती है। इससे परेशान होकर वाहन चालक बस लेन में गाड़ियां चला रहे हैं। मेयर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि बीआरटीएस हटने के बाद सड़क 60 मीटर चौड़ी होगी, जिससे जाम की समस्या कम होगी, लेकिन देरी ने जनता का सब्र तोड़ दिया है।
टेंडर की अड़चन: तीसरे प्रयास में नई रणनीति
इंदौर नगर निगम ने पहले दो टेंडरों में 3.68 करोड़ रुपये की अग्रिम राशि की शर्त रखी थी, जिसके कारण ठेकेदारों ने रुचि नहीं दिखाई। अब तीसरे टेंडर में इस राशि को पांच किश्तों में जमा करने की छूट दी गई है। कॉरिडोर को छह हिस्सों में बांटकर एक साथ तोड़ने की योजना है, ताकि काम तेजी से पूरा हो। निगम का अनुमान है कि 34.70 लाख रुपये की लागत से यह काम होगा, और मलबे व स्क्रैप की बिक्री से 3.71 करोड़ रुपये की आय होगी। स्मार्ट सिटी कंपनी ने जीपीओ से व्हाइट चर्च तक रेलिंग हटाने का काम शुरू किया था, लेकिन पूरे कॉरिडोर को हटाने में 6-7 महीने लग सकते हैं।
जनता की शिकायत
2013 में 350 करोड़ रुपये की लागत से बना बीआरटीएस अब ट्रैफिक जाम का बड़ा कारण बन गया है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने नवंबर 2024 में इसे हटाने की घोषणा की थी, लेकिन प्रक्रिया में देरी से लोग खुद बस लेन का उपयोग करने लगे हैं। इससे AICTSL बसों के संचालन में भी परेशानी हो रही है। निगम ने 40 नए बस स्टॉप बनाने और बस सेवाओं को सुचारू रखने का वादा किया है। लोग लोकपथ मोबाइल ऐप पर सड़क की स्थिति की शिकायत दर्ज कर सकते हैं.