Jal Jeevan Mission Scam: मध्यप्रदेश में 1000 करोड़ रूपए की कमीशनखोरी के आरोप, कांग्रेस-बीजेपी में सियासी जंग

Jal Jeevan Mission Scam: मध्यप्रदेश में जल जीवन मिशन के तहत 30,000 करोड़ रूपए के बजट में कथित तौर पर 1000 करोड़ रूपए की कमीशनखोरी का मामला सामने आने से सियासी घमासान मच गया है। पूर्व विधायक किशोर समरीते की शिकायत के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने इस मामले में सात दिन में जांच रिपोर्ट मांगी है। कांग्रेस ने इस घोटाले को लेकर बीजेपी सरकार और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री संपतिया उइके पर निशाना साधा है, जबकि बीजेपी ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया है। यह मामला अब मध्यप्रदेश की राजनीति में एक बड़ा मुद्दा बन गया है।
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आरोप और कांग्रेस का हमला
कांग्रेस प्रवक्ता संगीता शर्मा ने इस घोटाले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नारे “ना खाऊंगा, ना खाने दूंगा” पर तंज कसते हुए कहा कि बीजेपी सरकार में भ्रष्टाचार चरम पर है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब सरकार के अपने मंत्री और अधिकारी इतने बड़े घोटाले में शामिल हैं, तो जनता का भरोसा कैसे कायम रहेगा। शर्मा ने कहा कि जल जीवन मिशन, जो ग्रामीण परिवारों को स्वच्छ पेयजल देने की केंद्र की महत्वाकांक्षी योजना है, उसे “लूट का मिशन” बना दिया गया है। कांग्रेस ने मांग की है कि संपतिया उइके इस्तीफा दें और इस मामले की निष्पक्ष जांच हो।
मामला क्या है?
जल जीवन मिशन का लक्ष्य हर ग्रामीण घर में नल के जरिए स्वच्छ पेयजल पहुंचाना है। मध्यप्रदेश को इस योजना के लिए केंद्र से 30,000 करोड़ रूपए मिले थे। पूर्व विधायक किशोर समरीते ने PMO को शिकायत भेजकर आरोप लगाया कि इस राशि में से 1000 करोड़ रूपए की कमीशनखोरी की गई, जिसमें मंत्री संपतिया उइके, तत्कालीन प्रमुख अभियंता बीके सोनगरिया, और उनके अकाउंटेंट महेंद्र खरे शामिल हैं। शिकायत में फर्जी वर्क कम्प्लीशन सर्टिफिकेट और गैर-कानूनी फंड निकासी जैसे गंभीर आरोप भी शामिल हैं। हालांकि, PHE विभाग की प्रारंभिक जांच में इन आरोपों को “बेबुनियाद” बताया गया है, लेकिन जांच अभी जारी है।
मंत्री का जवाब और जांच की स्थिति
मंत्री संपतिया उइके ने इन आरोपों को खारिज करते हुए खुद निर्दोष बताया और कहा कि वह हर तरह की जांच के लिए तैयार हैं। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के आदेश दिए हैं। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग (PHE) और MP जल निगम को सात दिन में विस्तृत रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है। कांग्रेस ने इसे बीजेपी की “लीपापोती” करार दिया है, जबकि बीजेपी का कहना है कि यह विपक्ष की सियासी साजिश है। इस बीच, रीवा में भी जल जीवन मिशन में 136 करोड़ रूपए के फर्जी भुगतान का मामला सामने आया है, जिसकी जांच चल रही है।