4 साल का माल बना देगा मालामाल सोयाबीन के दामों में आएगी जबरदस्त तेजी क्या ₹6000 का आँकड़ा पार करेगी
सोयाबीन की कीमतों में लगातार उतार-चढ़ाव जारी है। अब ऐसी स्थिति में किसान और व्यापारी दोनों ही चिंतित हैं। सोयाबीन की कीमतों में बढ़ोतरी की उम्मीद में लोगों ने घरों में सोयाबीन स्टॉक कर रखा है। अब ऐसी स्थिति में सोयाबीन का कारोबार करने वाले विशेषज्ञों के मुताबिक आने वाले समय में सोयाबीन की कीमतों में राहत मिल सकती है। वहीं किसानों का कहना है कि सोयाबीन की खेती की लागत इतनी बढ़ गई है कि अगर कीमत 6000 रुपये प्रति क्विंटल नहीं हुई तो किसानों को नुकसान होगा। आइए जानते हैं कि मार्केट क्या कहता है।
खाद्य तेलों के आयात से स्थिति गंभीर
कई साल पहले भारत में खाद्य तेलों के आयात पर ड्यूटी बहुत कम कर दी गई थी। जिसके कारण इंडोनेशिया और मलेशिया जैसे कई देशों ने भारत में पाम ऑयल डंप करना शुरू कर दिया। कई देश इसे खाने के लिए इस्तेमाल करते हैं। इन कारणों से आज के समय में स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि पिछले महीने ही इसके आयात में 23% की बढ़ोतरी देखी गई है, जबकि पिछले कई सालों से देश में 93096 करोड़ रुपये का पाम ऑयल आयात किया गया है। जो इस साल लगभग एक करोड़ के आंकड़े को पार कर जाएगा।
खाद्य तेलों के आयात में गिरावट
एक तरफ सरकार द्वारा आयात शुल्क बढ़ाने के बाद इसका असर साफ दिख रहा है। आपको बता दें कि सोयाबीन तेल के आयात में लगभग 10.01% की कमी आई है। वहीं पाम ऑयल के आयात में 7.3 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। वहीं जुलाई-नवंबर 2024 के दौरान 74385 मीट्रिक टन सोयाबीन तेल का आयात किया गया है। वहीं पिछले साल इसी अवधि में यह लगभग 74745 मीट्रिक टन हुआ करता था। इसके बाद नवंबर 2024 में सोयाबीन और पाम ऑयल क्रमशः 113.99% और 11. 69% बढ़ गए हैं।
नवंबर महीने में लगभग 15045 मीट्रिक टन सोयाबीन तेल का आयात किया गया है, जो पिछले नवंबर में लगभग 6410 मीट्रिक टन हुआ करता था। नवंबर महीने में लगभग 2.34 लाख मीट्रिक टन पाम ऑयल का आयात किया गया, जो पिछले नवंबर में लगभग 2.31 मीट्रिक टन हुआ करता था। आपको बता दें कि इसी मार्केट में सोयाबीन लगभग 4300 और सरसों निमारी लगभग 5900 से 5950 रुपये प्रति क्विंटल है, जबकि औसत सरसों 5500 से 5600 रुपये प्रति क्विंटल है।
सोयाबीन की कीमतों में बढ़ोतरी की उम्मीद
सोयाबीन की कीमतों में उतार-चढ़ाव के बीच सोयाबीन की कीमतों में बढ़ोतरी की उम्मीद है। कम आपूर्ति के कारण सोयाबीन तेल बाजार में सोयाबीन का आगमन बहुत कम है। वही किसान कम कीमतों पर माल बेचने को तैयार नहीं हैं। जिसके कारण प्लांट्स अपनी पूरी क्षमता से आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं, यही वजह है कि आने वाले समय में सोयाबीन की कीमतों में बढ़ोतरी की संभावना है।
वर्ष 2025 में सोयाबीन की कीमतों की उम्मीद
कुछ समय से सोयाबीन की कीमतों में तेजी देखने को मिल रही है। आपको बता दें कि पिछले कुछ दिनों से सोयाबीन डीओसी की कीमतों में 200 से 300 रुपये की बढ़ोतरी हुई है। आने वाले समय में मलेशिया में पाम फसलों को नुकसान हुआ है। अब ऐसी स्थिति में पाम ऑयल और अन्य तेलों की कीमतें बढ़ती हुई दिख रही हैं। इन सभी संभावनाओं को देखते हुए सोयाबीन की कीमत में बढ़ोतरी के चांस हैं, इतना ही नहीं, बढ़ोतरी ज्यादा नहीं होगी। सोयाबीन व्यापारियों का कहना है कि 2025 में सोयाबीन की कीमत लगभग 5300 प्रति क्विंटल तक जा सकती है, इससे ज्यादा जाने की बहुत कम संभावना है।
सोयाबीन की मौजूदा मंडी दर
अगर सोयाबीन की कीमतों की बात करें तो फिलहाल मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र की मंडियों में सोयाबीन की दर 4000 से 4300 रुपये प्रति क्विंटल के बीच देखी जा रही है। वही कीमत पूरी तरह से फसल की गुणवत्ता और बाजार की स्थिति के साथ-साथ आपूर्ति पर निर्भर करती है।
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जनवरी 2025 में बदलेंगे सोयाबीन के भाव
अब तक सोयाबीन की कीमतें बहुत कम चल रही थीं। आने वाले नए साल में कीमत 4000 से 4500 रुपये प्रति क्विंटल रहने का अनुमान है। सोयाबीन प्लांट की खरीद की पेशकश में भी तेजी देखी जा रही है। इंदौर प्लांट की खरीद की पेशकश 4375 से 4480 है, और नीमच लाइन में लगभग 4395 की कीमत दर्ज की जा रही है। सोयाबीन व्यापारियों का कहना है कि साल का आखिरी महीना होने के कारण हर बार जनवरी-फरवरी के दौरान सोयाबीन की कीमत बढ़ती है।