साइंस सिटी और ISRO जैसा रिसर्च सेंटर, MP के विकास की नई योजना

मध्यप्रदेश सरकार विज्ञान और तकनीक को बढ़ावा देने के लिए बड़े कदम उठा रही है। विधानसभा में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने घोषणा की कि उज्जैन को साइंस सिटी के रूप में विकसित किया जाएगा और यहां इसरो की तर्ज पर एक अत्याधुनिक रिसर्च सेंटर बनाया जाएगा। साथ ही औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन के लिए कई बड़े प्रोजेक्ट शुरू किए जा रहे हैं।
उज्जैन में साइंस सिटी और ISRO जैसा रिसर्च सेंटर का निर्माण
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बताया कि उज्जैन को वैज्ञानिक अनुसंधान और तकनीकी विकास का हब बनाने के लिए साइंस सिटी का विकास किया जाएगा। यहां इसरो जैसी तकनीकी सुविधाओं से लैस रिसर्च सेंटर स्थापित होगा। इसका उद्देश्य न केवल शोध कार्यों को बढ़ावा देना है बल्कि प्रदेश के युवाओं को वैज्ञानिक क्षेत्र में नए अवसर उपलब्ध कराना भी है।
औद्योगिक विकास के बड़े प्रोजेक्ट
प्रदेश में औद्योगिक विकास को नई दिशा देने के लिए सरकार मेट्रोपॉलिटन शहरों में इंडस्ट्रियल बेल्ट तय कर रही है। उज्जैन के अलावा रायसेन में रेल कोच फैक्ट्री बनाई जाएगी, जिसका भूमिपूजन रक्षा मंत्री और रेल मंत्री के हाथों होगा। पीएम मित्र पार्क का भूमिपूजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे, जिनका दौरा इसी माह संभावित है।
अब तक की उपलब्धियां और नई पहल
सीएम ने विधानसभा में कहा कि वर्तमान कार्यकाल में सरकार ने केवल भूमि पूजन तक सीमित न रहकर अब तक 77 औद्योगिक इकाइयों का लोकार्पण भी किया है। साथ ही रोजगार सृजन की दिशा में भी ठोस कदम उठाए जा रहे हैं ताकि प्रदेश के युवाओं को अपने ही राज्य में काम करने के अवसर मिलें।
श्रम कानून में बदलाव
औद्योगिक क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए श्रम कानून में बदलाव किया गया है। अब महिलाएं रात में भी काम कर सकेंगी। जहां नई इंडस्ट्री लग रही है, वहां कर्मचारियों के लिए हॉस्टल भी बनाए जा रहे हैं, जिससे उन्हें सुरक्षित और सुविधाजनक आवास मिल सके।
शिक्षा और आईटी सेक्टर में सुधार
प्रदेश के इंजीनियरिंग कॉलेजों में आईटी पार्क बनाने का प्रस्ताव रखा गया है। इससे इंदौर, भोपाल जैसे बड़े शहरों में पढ़ाई कर रहे छात्र आईटी सेक्टर में काम करते हुए अनुभव भी हासिल कर सकेंगे। यह कदम प्रदेश को आईटी हब बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।
उज्जैन को वैज्ञानिक हब बनाने का लक्ष्य
सरकार का उद्देश्य उज्जैन को सिर्फ धार्मिक पहचान तक सीमित न रखकर इसे वैज्ञानिक और औद्योगिक दृष्टि से भी विकसित करना है। इसरो जैसे Isro रिसर्च सेंटर और साइंस सिटी का निर्माण प्रदेश के तकनीकी भविष्य को मजबूत करेगा।
युवाओं के लिए नए अवसर
इन प्रोजेक्ट्स से प्रदेश के युवाओं को शोध, इंजीनियरिंग, आईटी और औद्योगिक क्षेत्रों में बेहतर रोजगार के अवसर मिलेंगे। सरकार का मानना है कि ऐसे कदम मध्यप्रदेश को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान देंगे।