मध्य प्रदेश में Cyber क्राइम का कहर, विधानसभा में चौंकाने वाले आंकड़े

मध्य प्रदेश में पिछले चार सालों में Cyber ठगी के मामलों ने नया रिकॉर्ड बना दिया है। विधानसभा में पेश आंकड़ों के मुताबिक, इस दौरान साइबर अपराधियों ने 1054 करोड़ रुपए की ठगी की, लेकिन पुलिस केवल 1.90 करोड़ रुपए ही वापस दिलाने में सफल रही। यह गंभीर मामला कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह के सवाल पर सामने आया।
विधानसभा में सामने आए आंकड़े
एमपी विधानसभा के मानसून सत्र में गृह विभाग ने जानकारी दी कि 1 मई 2021 से 13 जुलाई 2025 तक Cyber फ्रॉड से 1054 करोड़ रुपए की ठगी हुई। इस दौरान लगभग 105.21 करोड़ रुपए होल्ड किए गए, लेकिन रिकवरी में सफलता सीमित रही और केवल 1.94 करोड़ रुपए ही पीड़ितों को लौटाए जा सके। यह आंकड़े राज्य में साइबर अपराध की गंभीरता को दर्शाते हैं।
हर साल बढ़ते मामले
पुलिस के सीसीटीएनएस डेटा के मुताबिक, पिछले चार वर्षों में हर साल 4 लाख से अधिक ECIR दर्ज हुईं। 2020 में 4,28,046 मामले, 2021 में 4,88,966 मामले और 2022 में 4,94,426 मामले दर्ज हुए। 2023 में गिरावट के साथ 2,48,188 मामले आए, लेकिन 2024-2025 में 15 जुलाई तक ही 1,82,372 मामले दर्ज हो चुके हैं। शिकायतों का बढ़ना लेकिन रकम वापसी में नाकामी, दोनों के बीच बड़ा अंतर दिखाता है।
कांग्रेस विधायक की चिंता
कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह ने विधानसभा में कहा कि प्रधानमंत्री ऑनलाइन ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देते हैं, लेकिन मध्य प्रदेश में पिछले चार वर्षों में एक हजार करोड़ से ज्यादा की ठगी हो चुकी है और पुलिस सिर्फ 1.90 करोड़ रुपए ही वापस दिला पाई है। उन्होंने इसे जनता के लिए बड़ा खतरा बताया।
पुलिस की नाकामी पर सवाल
विधायक ने आरोप लगाया कि साइबर फ्रॉड रोकने के लिए मप्र पुलिस के पास न पर्याप्त संसाधन हैं और न गंभीरता। साइबर विंग की ओर से ठोस कदम न उठाए जाने पर भी सवाल खड़े किए। उनका कहना था कि सरकार को इस पर तुरंत ध्यान देना चाहिए।
साइबर ठगों के हथकंडे
साइबर अपराधी डर और लालच के जरिए लोगों की व्यक्तिगत जानकारी और बैंक विवरण हासिल करते हैं। इसके बाद वे रकम ट्रांसफर कर लेते हैं। ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामलों में तेजी से इजाफा हो रहा है, लेकिन पुलिस की कार्यवाही का असर सीमित नजर आता है।
बढ़ते खतरे का संकेत
यह मामला सिर्फ आंकड़ों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह बताता है कि ऑनलाइन लेन-देन में सुरक्षा कितनी जरूरी है। लोगों को सतर्क रहना और समय रहते शिकायत करना ही इस खतरे से बचाव का तरीका है।
राज्य में Cyber अपराध की गंभीरता
पिछले चार सालों में हुए 1054 करोड़ रुपए के साइबर फ्रॉड और बेहद कम रिकवरी ने इस बात को साफ कर दिया है कि राज्य में साइबर अपराध रोकना एक बड़ी चुनौती है।